मैं नदी हूँ कविता। mai nadi hu kavita in Hindi
mai hu nadi poem in hindi मैं नदी हूँअब नहीं मै ऊछलूंगीसूख गए कण्ठ गर मेरे तोबन्द बोतल नीर का पतामैं पूछ लूंगी कितनी लाशों और कितने ढेर कोकब तलक मै सम्भालूँ और क्यों?अधमरी तो हूँ मैं सालों-साल से,उम्मीद बंधती है नहीं इस चाल सेसुध मेरी लो ,नहीं और कुछ लूंगी.मैं नदी हूँ …………. मैं …