गीता पंद्रहवाँ अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 15 with Hindi and English Translation

पुरुषोत्तमयोगः (पुरुषोत्तमयोग) गीता पंद्रहवाँ अध्याय श्लोक – श्रीभगवानुवाच ऊर्ध्वमूलमधःशाखम श्वत्थं प्राहुरव्ययम् ।छन्दांसि यस्य पर्णानि यस्तं वेद स वेदवित् ॥१५-१॥ -: हिंदी भावार्थ :- श्री भगवान बोले- आदिपुरुष परमेश्वर रूप मूल वाले (आदिपुरुष नारायण वासुदेव भगवान ही नित्य और अनन्त तथा सबके आधार होने के कारण और सबसे ऊपर नित्यधाम में सगुणरूप से वास करने के …

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गीता चौदहवाँ अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 14 with Hindi and English Translation

गुणत्रयविभागयोगः (गुणत्रयविभागयोग) गीता चौदहवाँ अध्याय श्लोक – श्रीभगवानुवाच परं भूयः प्रवक्ष्यामि ज्ञानानां ज्ञानमुत्तमम् ।यज्ज्ञात्वा मुनयः सर्वे परां सिद्धिमितो गताः ॥१४-१॥ -: हिंदी भावार्थ :- श्री भगवान बोले- ज्ञानों में भी अतिउत्तम उस परम ज्ञान को मैं फिर कहूँगा, जिसको जानकर सब मुनिजन इस संसार से मुक्त होकर परम सिद्धि को प्राप्त हो गए हैं॥1॥ -: …

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गीता तेरहवाँ अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 13 with Hindi and English Translation

गीता तेरहवाँ अध्याय श्लोक – श्रीभगवानुवाच इदं शरीरं कौन्तेय क्षेत्रमित्यभिधीयते ।एतद्यो वेत्ति तं प्राहुः क्षेत्रज्ञ इति तद्विदः ॥१३-१॥ -: हिंदी भावार्थ :- श्री भगवान बोले- हे अर्जुन! यह शरीर ‘क्षेत्र’ (जैसे खेत में बोए हुए बीजों का उनके अनुरूप फल समय पर प्रकट होता है, वैसे ही इसमें बोए हुए कर्मों के संस्कार रूप बीजों …

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गीता बारहवाँ अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 12 with Hindi and English Translation

गीता बारहवाँ अध्याय श्लोक – अर्जुन उवाचएवं सततयुक्ता ये भक्ता स्त्वां पर्युपासते ।ये चाप्यक्षरमव्यक्तं तेषां के योगवित्तमाः ॥१२-१॥ -: हिंदी भावार्थ :- अर्जुन बोले- जो अनन्य प्रेमी भक्तजन पूर्वोक्त प्रकार से निरन्तर आपके भजन-ध्यान में लगे रहकर आप सगुण रूप परमेश्वर को और दूसरे जो केवल अविनाशी सच्चिदानन्दघन निराकार ब्रह्म को ही अतिश्रेष्ठ भाव से …

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गीता ग्यारहवां अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 11 with Hindi and English Translation

गीता ग्यारहवां अध्याय श्लोक – अर्जुन उवाचमदनुग्रहाय परमं गुह्यमध्यात्मसंज्ञितम् ।यत्त्वयोक्तं वचस्तेन मोहोऽयं विगतो मम ॥११-१॥ -: हिंदी भावार्थ :- अर्जुन बोले- मुझ पर अनुग्रह करने के लिए आपने जो परम गोपनीय अध्यात्म विषयक वचन अर्थात उपदेश कहा, उससे मेरा यह अज्ञान नष्ट हो गया है॥1॥ -: English Meaning :- Arjun says – By that speech …

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गीता दसवाँ अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 10 with Hindi and English Translation

गीता दसवाँ अध्याय श्लोक – १ श्रीभगवानुवाच भूय एव महाबाहो शृणु मे परमं वचः ।यत्तेऽहं प्रीयमाणाय वक्ष्यामि हितकाम्यया ॥१०-१॥ -: हिंदी भावार्थ :- श्री भगवान्‌ बोले- हे महाबाहो! फिर भी मेरे परम रहस्य और प्रभावयुक्त वचन को सुन, जिसे मैं तुझे अतिशय प्रेम रखने वाले के लिए हित की इच्छा से कहूँगा॥1॥ -: English Meaning …

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गीता नवां अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 9 with Hindi and English Translation

इस पोस्ट में श्रीमद्भगवत गीता चतुर्थ अध्याय को हिंदी अर्थ और अंग्रेजी अनुवाद के साथ दिया गया है। इस लिंक पे क्लिक करके पढ़िये गीता दसवां अध्याय अर्थ सहित। गीता नवां अध्याय श्लोक – १ श्रीभगवानुवाच इदं तु ते गुह्यतमं प्रवक्ष्याम्यनसूयवे ।ज्ञानं विज्ञानसहितं यज्ज्ञात्वा मोक्ष्यसेऽशुभात् ॥९-१॥ -: हिंदी भावार्थ :- श्री भगवान बोले- तुझ दोषदृष्टिरहित …

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कंकाल – जयशंकर प्रसाद

कंकाल जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित एक उपन्यास है, जो की सन 1929 में प्रकाशित हुआ था। जयशंकर प्रसाद ने अपने उपन्यास कंकाल में सामाज की बेबस, लाचार, विधवा औरतों पर सामाज के विभिन्य वर्गों द्वारा किये गए अत्याचारों का वर्णन किया है। जयशंकर प्रासाद ने कंकाल में भारतीय सामाज की जाती व्यवस्था, प्रेम विवाह, स्त्री की समाजिक स्थिति, …

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गीता आठवाँ अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 8 with Hindi and English Translation

इस पोस्ट में श्रीमद्भगवत गीता चतुर्थ अध्याय को हिंदी अर्थ और अंग्रेजी अनुवाद के साथ दिया गया है। इस लिंक पे क्लिक करके पढ़िये गीता सातवाँ अध्याय अर्थ सहित। गीता आठवाँ अध्याय श्लोक – १ अर्जुन उवाचकिं तद्ब्रह्म किमध्यात्मं किं कर्म पुरुषोत्तम ।अधिभूतं च किं प्रोक्तमधिदैवं किमुच्यते ॥८-१॥ -: हिंदी भावार्थ :- अर्जुन ने कहा- …

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गीता सातवाँ अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 7 with Hindi and English Translation

इस पोस्ट में श्रीमद्भगवत गीता सातवाँ अध्याय को हिंदी अर्थ और अंग्रेजी अनुवाद के साथ दिया गया है। इस लिंक पे क्लिक करके पढ़िये गीता छठवाँ अध्याय अर्थ सहित। गीता सातवाँ अध्याय श्लोक – १ श्रीभगवानुवाच मय्यासक्तमनाः पार्थ योगं युञ्जन्मदाश्रयः ।असंशयं समग्रं मां यथा ज्ञास्यसि तच्छृणु ॥७-१॥ -: हिंदी भावार्थ :- श्री भगवान बोले- हे …

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