गीता पंद्रहवाँ अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 15 with Hindi and English Translation
पुरुषोत्तमयोगः (पुरुषोत्तमयोग) गीता पंद्रहवाँ अध्याय श्लोक – श्रीभगवानुवाच ऊर्ध्वमूलमधःशाखम श्वत्थं प्राहुरव्ययम् ।छन्दांसि यस्य पर्णानि यस्तं वेद स वेदवित् ॥१५-१॥ -: हिंदी भावार्थ :- श्री भगवान बोले- आदिपुरुष परमेश्वर रूप मूल वाले (आदिपुरुष नारायण वासुदेव भगवान ही नित्य और अनन्त तथा सबके आधार होने के कारण और सबसे ऊपर नित्यधाम में सगुणरूप से वास करने के …