गीता नवां अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 9 with Hindi and English Translation

इस पोस्ट में श्रीमद्भगवत गीता चतुर्थ अध्याय को हिंदी अर्थ और अंग्रेजी अनुवाद के साथ दिया गया है। इस लिंक पे क्लिक करके पढ़िये गीता दसवां अध्याय अर्थ सहित। गीता नवां अध्याय श्लोक – १ श्रीभगवानुवाच इदं तु ते गुह्यतमं प्रवक्ष्याम्यनसूयवे ।ज्ञानं विज्ञानसहितं यज्ज्ञात्वा मोक्ष्यसेऽशुभात् ॥९-१॥ -: हिंदी भावार्थ :- श्री भगवान बोले- तुझ दोषदृष्टिरहित …

Read moreगीता नवां अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 9 with Hindi and English Translation

कंकाल – जयशंकर प्रसाद

कंकाल जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित एक उपन्यास है, जो की सन 1929 में प्रकाशित हुआ था। जयशंकर प्रसाद ने अपने उपन्यास कंकाल में सामाज की बेबस, लाचार, विधवा औरतों पर सामाज के विभिन्य वर्गों द्वारा किये गए अत्याचारों का वर्णन किया है। जयशंकर प्रासाद ने कंकाल में भारतीय सामाज की जाती व्यवस्था, प्रेम विवाह, स्त्री की समाजिक स्थिति, …

Read moreकंकाल – जयशंकर प्रसाद

गीता आठवाँ अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 8 with Hindi and English Translation

इस पोस्ट में श्रीमद्भगवत गीता चतुर्थ अध्याय को हिंदी अर्थ और अंग्रेजी अनुवाद के साथ दिया गया है। इस लिंक पे क्लिक करके पढ़िये गीता सातवाँ अध्याय अर्थ सहित। गीता आठवाँ अध्याय श्लोक – १ अर्जुन उवाचकिं तद्ब्रह्म किमध्यात्मं किं कर्म पुरुषोत्तम ।अधिभूतं च किं प्रोक्तमधिदैवं किमुच्यते ॥८-१॥ -: हिंदी भावार्थ :- अर्जुन ने कहा- …

Read moreगीता आठवाँ अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 8 with Hindi and English Translation

गीता सातवाँ अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 7 with Hindi and English Translation

इस पोस्ट में श्रीमद्भगवत गीता सातवाँ अध्याय को हिंदी अर्थ और अंग्रेजी अनुवाद के साथ दिया गया है। इस लिंक पे क्लिक करके पढ़िये गीता छठवाँ अध्याय अर्थ सहित। गीता सातवाँ अध्याय श्लोक – १ श्रीभगवानुवाच मय्यासक्तमनाः पार्थ योगं युञ्जन्मदाश्रयः ।असंशयं समग्रं मां यथा ज्ञास्यसि तच्छृणु ॥७-१॥ -: हिंदी भावार्थ :- श्री भगवान बोले- हे …

Read moreगीता सातवाँ अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 7 with Hindi and English Translation

गीता छठवाँ अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 6 with Hindi and English Translation

इस पोस्ट में श्रीमद्भगवत गीता छठवाँ अध्याय को हिंदी अर्थ और अंग्रेजी अनुवाद के साथ दिया गया है। इस लिंक पे क्लिक करके पढ़िये गीता पाँचवां अध्याय अर्थ सहित। गीता छठवाँ अध्याय श्लोक – १ श्रीभगवानुवाच अनाश्रितः कर्मफलं कार्यं कर्म करोति यः।स संन्यासी च योगी च न निरग्निर्न चाक्रियः॥६-१॥ -: हिंदी भावार्थ :- श्री भगवान …

Read moreगीता छठवाँ अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 6 with Hindi and English Translation

गीता पाँचवां अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 5 with Hindi and English Translation

इस पोस्ट में श्रीमद्भगवत गीता चतुर्थ अध्याय को हिंदी अर्थ और अंग्रेजी अनुवाद के साथ दिया गया है। भगवद्गीता के चतुर्थ अध्याय को कर्मसंन्यासयोगः – कर्म-संन्यास योग (Yoga of Renunciation from Action) का अध्याय कहा जाता है। इस लिंक पे क्लिक करके पढ़िये गीता चतुर्थ अध्याय अर्थ सहित। गीता पाँचवां अध्याय श्लोक – १ अर्जुन …

Read moreगीता पाँचवां अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 5 with Hindi and English Translation

गीता चतुर्थ अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 4 with Hindi and English Translation

इस पोस्ट में श्रीमद्भगवत गीता चतुर्थ अध्याय को हिंदी अर्थ और अंग्रेजी अनुवाद के साथ दिया गया है। भगवद्गीता के चतुर्थ अध्याय को ज्ञानकर्मसंन्यासयोगः – ज्ञान कर्मसंन्यास योग (Yoga of Knowledge and Renunciation from Action) का अध्याय कहा जाता है। इस लिंक पे क्लिक करके पढ़िये गीता तृतीय अध्याय अर्थ सहित । गीता चतुर्थ अध्याय …

Read moreगीता चतुर्थ अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 4 with Hindi and English Translation

गीता तृतीय अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 3 with Hindi and English Translation

इस पोस्ट में श्रीमद्भगवत गीता तृतीय अध्याय को हिंदी अर्थ और अंग्रेजी अनुवाद के साथ दिया गया है । भगवद्गीता के तृतीय अध्याय को कर्मयोगः (Yoga of Action) का अध्याय कहा जाता है। इस लिंक पे क्लिक करके पढ़िये “गीता द्वितीय अध्याय अर्थ सहित” । गीता तृतीय अध्याय श्लोक – १ अर्जुन उवाचज्यायसी चेत्कर्मणस्ते मता …

Read moreगीता तृतीय अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 3 with Hindi and English Translation

गीता द्वितीय अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 2 with Hindi and English Translation

इस पोस्ट में श्रीमद्भगवत गीता द्वितीय अध्याय को हिंदी अर्थ और अंग्रेजी अनुवाद के साथ दिया गया है । भगवद्गीता के द्वितीय अध्याय को साङ्ख्ययोग (Yoga Of Knowledge) का अध्याय कहा जाता है। इस लिंक पे क्लिक करके पढ़िये “गीता प्रथम अध्याय अर्थ सहित” । गीता द्वितीय अध्याय श्लोक – १ :- संजय उवाच :-तं …

Read moreगीता द्वितीय अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 2 with Hindi and English Translation

गीता प्रथम अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter 1 with Hindi and English Translation

अर्जुनविषादयोगः (अर्जुन विषादयोग) Disappointment of Arjun गीता प्रथम अध्याय श्लोक – १ -: धृतराष्ट्र उवाच :-धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः।मामकाः पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत संजय॥१-१॥ -: हिंदी भावार्थ :- (सत् और असत् के विवेक रूपी नेत्रों से रहित,) धृतराष्ट्र बोले- (सत् और असत् के विवेक रूपी दिव्य नेत्रों वाले,) हे संजय! धर्मभूमि कुरुक्षेत्र में एकत्रित, युद्ध की इच्छावाले …

Read moreगीता प्रथम अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter 1 with Hindi and English Translation