Difference Between SQL and T-SQL in Hindi

इस पोस्ट में आप SQL और T-SQL के बीच अंतर को हिंदी में (Difference Between SQL and T-SQL in Hindi) पढ़ सकते हैं। SQL और T-SQL दोनों ही डाटाबेस में डेटा को एक्सेस करने में प्रयोग की जाने वाली भाषा हैं। Difference Between SQL and T-SQL in Hindi SQL और T-SQL डेटाबेस में बदलाव करने …

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गीता अठारहवाँ अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 18 with Hindi and English Translation

मोक्षसंन्यासयोगः (मोक्षसंन्यासयोग) गीता अठारहवाँ अध्याय श्लोक – अर्जुन उवाचसंन्यासस्य महाबाहो तत्त्वमिच्छामि वेदितुम् ।त्यागस्य च हृषीकेश पृथक्केशिनिषूदन ॥१८-१॥ -: हिंदी भावार्थ :- अर्जुन कहते हैं – हे महाबाहो! हे अन्तर्यामिन्‌! हे वासुदेव! मैं संन्यास और त्याग के तत्त्व को अलग-अलग जानना चाहता हूँ॥1॥ -: English Meaning :- Arjun says – ‘Of Samnyasa’ O Mighty-armed, I desire …

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गीता सत्रहवाँ अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 17 with Hindi and English Translation

श्रद्धात्रयविभागयोगः (श्रद्धात्रयविभागयोग) गीता सत्रहवाँ अध्याय श्लोक – गीता(मूल संस्कृत) -: हिंदी भावार्थ :- गीता (हिंदी भावानुवाद) -: English Meaning :- Gita (English) गीता सत्रहवाँ अध्याय श्लोक – अर्जुन उवाचये शास्त्रविधिमुत्सृज्य यजन्ते श्रद्धयान्विताः ।तेषां निष्ठा तु का कृष्ण सत्त्वमाहो रजस्तमः ॥१७-१॥ -: हिंदी भावार्थ :- अर्जुन बोले- हे कृष्ण! जो मनुष्य शास्त्र विधि को त्यागकर श्रद्धा …

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गीता सोलहवाँ अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 16 with Hindi and English Translation

दैवासुर सम्पद्विभागयोगः (दैवासुर-सम्पद्विभागयोग) गीता सोलहवाँ अध्याय श्लोक – श्रीभगवानुवाच अभयं सत्त्वसंशुद्धि र्ज्ञानयोगव्यवस्थितिः ।दानं दमश्च यज्ञश्च स्वाध्यायस्तप आर्जवम् ॥१६-१॥ -: हिंदी भावार्थ :- श्री भगवान बोले- भय का सर्वथा अभाव, अन्तःकरण की पूर्ण निर्मलता, तत्त्वज्ञान के लिए ध्यान योग में निरन्तर दृढ़ स्थिति और सात्त्विक दान, इन्द्रियों का दमन, भगवान, देवता और गुरुजनों की पूजा तथा …

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गीता पंद्रहवाँ अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 15 with Hindi and English Translation

पुरुषोत्तमयोगः (पुरुषोत्तमयोग) गीता पंद्रहवाँ अध्याय श्लोक – श्रीभगवानुवाच ऊर्ध्वमूलमधःशाखम श्वत्थं प्राहुरव्ययम् ।छन्दांसि यस्य पर्णानि यस्तं वेद स वेदवित् ॥१५-१॥ -: हिंदी भावार्थ :- श्री भगवान बोले- आदिपुरुष परमेश्वर रूप मूल वाले (आदिपुरुष नारायण वासुदेव भगवान ही नित्य और अनन्त तथा सबके आधार होने के कारण और सबसे ऊपर नित्यधाम में सगुणरूप से वास करने के …

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गीता चौदहवाँ अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 14 with Hindi and English Translation

गुणत्रयविभागयोगः (गुणत्रयविभागयोग) गीता चौदहवाँ अध्याय श्लोक – श्रीभगवानुवाच परं भूयः प्रवक्ष्यामि ज्ञानानां ज्ञानमुत्तमम् ।यज्ज्ञात्वा मुनयः सर्वे परां सिद्धिमितो गताः ॥१४-१॥ -: हिंदी भावार्थ :- श्री भगवान बोले- ज्ञानों में भी अतिउत्तम उस परम ज्ञान को मैं फिर कहूँगा, जिसको जानकर सब मुनिजन इस संसार से मुक्त होकर परम सिद्धि को प्राप्त हो गए हैं॥1॥ -: …

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गीता तेरहवाँ अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 13 with Hindi and English Translation

गीता तेरहवाँ अध्याय श्लोक – श्रीभगवानुवाच इदं शरीरं कौन्तेय क्षेत्रमित्यभिधीयते ।एतद्यो वेत्ति तं प्राहुः क्षेत्रज्ञ इति तद्विदः ॥१३-१॥ -: हिंदी भावार्थ :- श्री भगवान बोले- हे अर्जुन! यह शरीर ‘क्षेत्र’ (जैसे खेत में बोए हुए बीजों का उनके अनुरूप फल समय पर प्रकट होता है, वैसे ही इसमें बोए हुए कर्मों के संस्कार रूप बीजों …

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गीता बारहवाँ अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 12 with Hindi and English Translation

गीता बारहवाँ अध्याय श्लोक – अर्जुन उवाचएवं सततयुक्ता ये भक्ता स्त्वां पर्युपासते ।ये चाप्यक्षरमव्यक्तं तेषां के योगवित्तमाः ॥१२-१॥ -: हिंदी भावार्थ :- अर्जुन बोले- जो अनन्य प्रेमी भक्तजन पूर्वोक्त प्रकार से निरन्तर आपके भजन-ध्यान में लगे रहकर आप सगुण रूप परमेश्वर को और दूसरे जो केवल अविनाशी सच्चिदानन्दघन निराकार ब्रह्म को ही अतिश्रेष्ठ भाव से …

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गीता ग्यारहवां अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 11 with Hindi and English Translation

गीता ग्यारहवां अध्याय श्लोक – अर्जुन उवाचमदनुग्रहाय परमं गुह्यमध्यात्मसंज्ञितम् ।यत्त्वयोक्तं वचस्तेन मोहोऽयं विगतो मम ॥११-१॥ -: हिंदी भावार्थ :- अर्जुन बोले- मुझ पर अनुग्रह करने के लिए आपने जो परम गोपनीय अध्यात्म विषयक वचन अर्थात उपदेश कहा, उससे मेरा यह अज्ञान नष्ट हो गया है॥1॥ -: English Meaning :- Arjun says – By that speech …

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गीता दसवाँ अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 10 with Hindi and English Translation

गीता दसवाँ अध्याय श्लोक – १ श्रीभगवानुवाच भूय एव महाबाहो शृणु मे परमं वचः ।यत्तेऽहं प्रीयमाणाय वक्ष्यामि हितकाम्यया ॥१०-१॥ -: हिंदी भावार्थ :- श्री भगवान्‌ बोले- हे महाबाहो! फिर भी मेरे परम रहस्य और प्रभावयुक्त वचन को सुन, जिसे मैं तुझे अतिशय प्रेम रखने वाले के लिए हित की इच्छा से कहूँगा॥1॥ -: English Meaning …

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