प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ

मुंशी प्रेमचंद हिंदी साहित्य के ऐसे सूरज है जो आज भी हिंदी साहित्य में आकाश की बुलंदियों पर चमक रहे हैं। उनके द्वारा लिखी गई सभी कहानियां और उपन्यास हमारे जीवन से जुड़े हुए हैं। ऐसे में मुंशी प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ कहानियां कौन-कौन सी हैं अगर आप भी इंटरनेट पर इसके बारे में जानकारी सर्च …

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अपनी-अपनी बीमारी – हरिशंकर परसाई

अपनी-अपनी बीमारी, हरिशंकर परसाई जी द्वारा रचित एक व्यंग रचना है। हरिशंकर परसाई भारतीय हिंदी साहित्य के महान व्यंग्यकार लेखकों में से एक माने जाते हैं। हरिशंकर परसाई ने ‘अपनी-अपनी बीमारी’ नामक इस व्यंग्य रचना में विभिन्न प्रकार के लोगों के दुखी होने के कारणों पर व्यंग्य किया है। हरिशंकर परसाई कहते हैं कि कोई …

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ठिठुरता हुआ गणतंत्र – हरिशंकर परसाई

गणतंत्र दिवस हमेशा ठंड में पड़ता है। पर इस वाक्य को और सही से कहा जाए जिससे देशहित हो तो कहेंगे कि ठंड हमेशा गणतंत्र दिवस में आती है। चलिए यूँ कहें कि गणतंत्र दिवस ठिठुरता रहता है। हरिशंकर परसाई जी ने इसी ठिठुरता हुआ गणतंत्र पर एक व्यंग्य लिखा है। इस आर्टिकल में हम …

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पिटने-पिटने में फर्क – हरिशंकर परसाई

परसाई जी की यह ख़ूबी है कि वो हर चीज़ पर व्यंग्य लिख देते थे। उन्हें गलत बात बर्दाश्त नही थी या फिर यूँ कहें कि वो समाज को जागरूक करने हेतु हर गलत बात व्यंग्य रूप में लिख देते थे। उनका “पिटने-पिटने में फर्क” नामक व्यंग्य इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है। परसाई जी …

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क्रांतिकारी की आत्मकथा – हरिशंकर परसाई

एक क्रांतिकारी की आत्मकथा – हरिशंकर परसाई : क्रांति क्या होती है? क्रांति किसी शोषण और अन्याय के प्रति विद्रोह को कहा जाता है। और यह विद्रोह ज़रूरी नही हिंसात्मक ही हो। क्रांति कई तरीके से की जाती है। इसके लिए अंग्रेजी में रेवोल्यूशन शब्द का प्रयोग किया जाता है। कई देशों में क्रांतियां हुई …

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आइए जलते हैं – डॉ चंद्रेश कुमार छतलानी

आइए जलते हैं, डॉ चंद्रेश कुमार छतलानी द्वारा लिखी गई एक कविता है। डॉ छतलानी जी ने प्रतिलिपि लघुकथा सम्मान 2018, ब्लॉगर ऑफ़ द ईयर 2019 सहित कई अन्य सम्मान प्राप्त किये हैं। इस कविता के माध्यम से डॉ छतलानी जी ने “कब जला जाए और कब नहीं” बताने का प्रयास किया है। केवल दीपक ही नहीं …

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मानव-मूल्य लघुकथा ― डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी

मानव-मूल्य डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी द्वारा रचित एक लघु कथा है। मानव-मूल्य लघुकथा में डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी जी ने गाँधी जी के तीन बंदरो को विकासवाद के तहद इंसानों के रूप में बताया है और इंसानो की प्रवृत्ति में व्यंग्य किया है। मानव-मूल्य लघुकथा :- वह चित्रकार अपनी सर्वश्रेष्ठ कृति को निहार रहा था। …

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डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी

नाम: डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानीशिक्षा: पीएच.डी. (कंप्यूटर विज्ञान) सम्प्रति: सहायक आचार्य (कंप्यूटर विज्ञान)सम्पर्क फ़ोन: 9928544749ईमेल: chandresh.chhatlani@gmail.comडाक का पता: 3 प 46, प्रभात नगर, सेक्टर-5, हिरण मगरी, उदयपुर (राजस्थान) – 313 002URL: http://chandreshkumar.wikifoundry.comब्लॉग: http://laghukathaduniya.blogspot.in/ साहीत्यिक सम्मान: प्रतिलिपि लघुकथा सम्मान 2018, ब्लॉगर ऑफ़ द ईयर 2019 सहित कई अन्य सम्मान प्राप्त। लेखन: लघुकथा, कविता, ग़ज़ल, गीत, कहानियाँ, बालकथा, बोधकथा, लेख, पत्र। …

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मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर उनके बारे में कुछ रोचक तथ्य

मुंशी प्रेमचंद एक भारतीय लेखक थे जो अपने आधुनिक हिंदी-उर्दू साहित्य के लिए प्रसिद्ध थे और हमारे देश के सबसे प्रसिद्ध लेखकों में से एक थे और उन्हें 20 वीं शताब्दी के शुरुआती दौर के हिंदी लेखकों में से एक माना जाता है। एक उपन्यास लेखक, कहानीकार और नाटककार होने के नाते, उन्हें लेखकों द्वारा …

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जुर्माना – प्रेमचंद

प्रेमचंद की कहानी – जुर्माना ऐसा शायद ही कोई महीना जाता कि अलारक्खी के वेतन से कुछ जुरमाना न कट जाता। कभी-कभी तो उसे ६) के ५) ही मिलते, लेकिन वह सब कुछ सहकर भी सफाई के दारोग़ा मु० खैरात अली खाँ के चंगुल में कभी न आती। खाँ साहब की मातहती में सैकड़ों मेहतरानियाँ …

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