कुत्ते के काटने पर क्या करना चाहिए ? प्रश्न उत्तर एवं भ्रातियां

भारत में रेबीज के कारण होने वाली मौतों की संख्या काफी ज्यादा है, और इसका मुख्य कारण लोगों में जानकारी का अभाव और सही उपचार न कराना है।

इस पोस्ट में आपको कुत्ते के काटने और रेबीज के बारे में सारी जानकारी के साथ-साथ इस विषय से जुड़ी हुई भ्रांतियों की भी जानकारी प्राप्त होगी।

★ कोई भी फैसला लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। यहाँ पर दी गई जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए हैं। यह वेबसाइट आपको किसी भी प्रकार का फैसला लेने के लिए प्रेरित नही करती है।

कुत्ते के काटने पर क्या करना चाहिए ?

जब भी कुत्ता काटे पहला कदम काटी हुई जगह को पानी एवं साबुन से लगातार 10 मिनट तक बहते पानी (नल के नीचे) रख धोना चाहिए फिऱ चिकित्सक को मिलना चाहिए। कभी भी घाव को बांधना या स्टिच नहीं करना चाहिए। बशर्ते एक्टिव ब्लीडिंग न हो। बांधने से वायरस भीतर रक्त वाहिनी में जाने की संभावना बढ़ जाती है।

विश्व की कुल रेबीज़ मृत्यु की 35 प्रतिशत मृत्यु भारत में होती हैं । इसकी प्रमुख वज़ह स्ट्रीट डॉग की अधिकता के अत्तिरिक्त अनेकों भ्रांतियों का होना भी है।

टीकाकरण :-

घाव को धोने के बाद दूसरा कदम टीकाकरण है
जो कि 5 dose अलग-अलग दिन 0, 3, 7, 14 , 28 दिन पर लगाये जाते हैं।

किन्तु कम लोग जानते हैं कि इस रेबीज़ वैक्सीन के अत्तिरिक्त एक इमुनोग्लोबुलीन भी लगाना होता है जो घाव की जगह पर ही लगता है।

क्योंकि वैक्सीन 10 दिन बाद से ही सुरक्षा देना आरम्भ करता है। जबकि इम्युनोग्लोबुलिन तुरंत से।

1. क्या कोई और रोग हो सकता है कुत्ते के काटने से ?

घाव में संक्रमण होकर पकना या टिटनेस की संभावना हो सकती है कुत्त्ते के काटने के बाद ।

2. रेबीज़ के लक्षण क्या होते है ?

रेबीज़ होने पर व्यक्ति को हाइड्रोफोबिया हो सकता है ।
जिसमें मरीज़ को हवा एवं पानी दोनों से डर लगने लगता है एवं गला चोक होने लगता है, हालांकि रेबीज का एक दूसरा प्रकार भी है जिसमे की मरीज को पूरी तरह से लकवा लग जाता है एवं अंततः मृत्य हो जाती है यह प्रकार रेयर है।

3. क्या रेबीज के मरीज बच जाते है ?

रेबीज होने पर मृत्यु की संभावना 100 प्रतिशत होती है, इसका कोई इलाज नही है इसलिए डॉग बाइट होने पर बचाव एवं टीकाकरण अति आवश्यक है। रेबीज के कारण होने वाली मृत्यु बहुत ही दर्दनाक होती है, क्योंकि अंत तक मरीज़ को होश रहता है। और वह इन सभी असहनीय तकलीफों को देख रहा होता है।

4. रेबीज वायरस शरीर को कैसे नुकसान पंहुचाता है ?

रेबीज वायरस तंत्रिका तंत्र एवं मस्तिष्क को नुकसान पंहुचाता है ।

5. कुत्ता काटने के कितने दिन बाद रेबीज हो सकता है ?

डॉग बाईट के 9 दिन से 90 दिन तक रेबीज की सम्भावना अधिक होती है, लेकिन कभी कभार यह 10 वर्ष तक भी हो सकता है ।

6. क्या झाड़ फूक असरकारक है ?

नहीं, कुत्ते में यदि रेबीज़ के वायरस नहीं होंगे तो मनुष्य को भी रेबीज़ नहीं होगा, ऐसे में यदि इस व्यक्ति की झाड़ फूक होगी तो यह लोगो को असर कारक लगेगी।
सारे कुत्तों में रेबीज वायरस नही होता।

7. पागल कुत्ते का काटना क्या होता है ?

पागल कुत्ते, दरअसल रेबीज वायरस से संक्रमित होते हैं, जो कि बहुत लोगो को काट रहा होता है, और चिड़चिड़ा होता है अतः इस संक्रमित कुत्ते के काटने से मनुष्य को रेबीज़ की संभावना बहुत अधिक होती है।

8. कुत्ते का रंग या पूछ का कटा होना, इन सब का क्या महत्व है ?

कुछ नहीं, यह सब भ्रांतियां है कुत्ते का रंग पूंछ या उम्र का कोई महत्व नहीं है।

कुत्ता यदि वैक्सीनेटेड है क्या तब भी हमे वैक्सीन लगवाना होगा ?

जी हाँ, वैक्सीनटेड कुत्ते के काटने पर भी वैक्सीन लगवाना बेहतर होगा।

कुत्ते का झूठा दूध वगैरह पी लेने से क्या कुछ खतरा है ?

जी हाँ, तब भी टीकाकरण कराना चाहिए।

कुत्ते के अतिरिक्त रेबीज़ और किन जानवरो के काटने से होता है ?

भारत में बंदर और बिल्ली में भी रेबीज पाया जाता है।
जबकि अमेरिका में सबसे ज्यादा चमगादड़ के काटने से होता है।

क्या चूहे या छछून्दर के काटने पर भी टीका लगवाना चाहिए ?

भारत में चूहे या छछून्दर में रेबीज़ नहीं पाया जाता। अतः टीके की आवश्यकता नहीं।

क्या खरोंच आने पर भी टीका लगवाना चाहिए ?

सड़क का कुत्ता होने पर, साबुन पानी से धोकर टीका लगवाना बेहतर होगा। लेकिन यदि पालतू कुत्ता है और वैक्सीनटेड है, तब मात्र साबुन पानी से धोना पर्याप्त होगा।

स्वाइन फ्लू प्रश्न उत्तर एवं भ्रांतियाँ

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