मानहानि केस में सजा कितनी होती है? 

जैसा कि आप लोग जानते हैं कि समाज में इज्जत बनाने में कई साल चले जाते हैं। लेकिन कई बार लोग दूसरे के ऊपर बे- बुनियाद आरोप लगाकर उनकी प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाते हैं। इस संदर्भ में भारतीय संविधान में मानहानि केस आप उस व्यक्ति के ऊपर दर्ज कर सकते हैं, जिसने आपके ऊपर झूठा आरोप लगाया है।

हाल के दिनों में आपने देखा होगा कि राहुल गांधी को मानहानि केस में लोकसभा सदस्य की योग्यता रद्द कर दी गई थी। क्योंकि उन्होंने 2019 के चुनाव  के दौरान कहा था कि मोदी सरनेम नाम वाले सभी चोर होते हैं इसके बाद भाजपा के विधायक ने उनके खिलाफ गुजरात कोर्ट में मानहानि का केस दर्ज किया था।

इसलिए अगर आप भी जानना चाहते हैं कि अगर मानहानि का केस आपके ऊपर दर्ज हुआ है तो आपको कितनी सजा हो सकती है। या आप किसी व्यक्ति के ऊपर इस प्रकार का केस दर्ज करवा रहे हैं तो उसे व्यक्ति को कितनी सजा हो सकती है। उसकी पूरी प्रक्रिया क्या होगी अगर आप जाना चाहते हैं तो हमारे साथ आर्टिकल पर बने रहे हैं आईए जानते हैं-

कानून में किन बातों को मानहानि माना गया है

  • किसी भी मृत व्यक्ति के लिए ऐसी टिप्पणी करना  जो उसकी इमेज को खराब करता है इसके अलावा उसके परिजनों को इससे दुःख होता है, तो ऐसी चीजों को मानहानि माना जाएगा। ठीक यही बात किसी कंपनी, संगठन या व्यक्तियों के समूह पर भी लागू होती है।
  • किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा पर अगर आप किसी प्रकार का मजाक करते हैं तो उसे मानहानि के कैटेगरी में परिभाषित किया गया है।
  • किसी भी व्यक्ति के खिलाफ किसी भी प्रकार का कोई हानिकारक बयान को प्रकाशित करना या बेचना भी एक प्रकार का मानहानि है।

कौन सी चीजों को नहीं माना जाता मानहानि

  •  उदाहरण के लिए यदि किसी व्यक्ति के बारे में अगर सच्ची टिप्पणी की गयी हो तो उसे मानहानि नहीं माना जाता।
  • कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक हित में की कोई विशेष प्रकार का कमेंट करता है तो मानहानी नहीं कहलाता है।
  •  यदि कोइ व्यक्ति किसी भी प्रसिद्द या पब्लिक फिगर पर पब्लिक का व्यवहार कैसा है, उसके बारे में अगर कोई विशेष कमेंट करता है जो जनता के हित में हो तो उसे प्रकार की चीजों को मानहानि नहीं माना जाएगा।

भारत में मानहानि संबंधित कानून और सजा क्या है?

भारत में मानहानि संबंधित कानून की बात करें तो भारतीय दंड संहिता आईपीसी की धारा 499 और 500 के अनुसार आप किसी भी व्यक्ति पर मानहानि का मुकदमा दर्ज कर सकते हैं आईपीसी की धारा 499 के अनुसार किसी के बारे में झूठी अफवाहें फैलाना, टिप्पणी करना, उसके मान-सम्मान को बदनाम करते हैं तो ऐसे में धारा 500 के अंतर्गत अपराधी को दो वर्ष तक साधारण कारावास में रखा जाता है।

मानहानि के मामले में आप शिकायत दर्ज कैसे करवा सकते हैं?  

हम आपको बता दें की मानहानि के मामले में आप किसी व्यक्ति के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कर सकते हैं, तो आपको सबसे पहले वकील के माध्यम से कोर्ट में लिखित शिकायत दर्ज करनी होगी। उसके बाद कोर्ट आपकी शिकायत को वेरीफाई करेगा। उसके बाद ही आपका शिकायत कोर्ट एक्सेप्ट करेगा उसके बाद कोर्ट आरोपी को समन भेजेगा। जिसके बाद उसे कोर्ट में  उपस्थित होना होगा।

भारत में माननीय का मामला दर्ज करने के लिए राज्यों के अनुसार अलग-अलग कोर्ट निर्धारित की गई है उसके अनुसार आपको कोर्ट में पैसे जमा करने पड़ेंगे। इसके अलावा हम आपको बता दे की मानहानि के मामले में आप आरोपी के ऊपर से केस वापस भी ले सकते हैं।

अगर आपको लगता है कि आपकी इमेज के अलावा आपके बिजनेस को भी किसी प्रकार का कोई क्षति पहुंचा है यानी अगर आप कोई कारोबार करते हैं तो इसलिए स्थिति में आप उसे हर्जाना ले सकते हैं लेकिन इसके लिए पांच से सात फीसदी अलग से फीस देनी पड़ती है।  

Q. मानहानि के केस में कितने साल की सजा होती है?

Ans. मानहानि के केस में अधिकतम 2 साल की सजा होती है।

Q. किसी को बदनाम करने पर कौनसी धारा लगती है?

Ans. किसी को बदनाम करने पर धारा 499 और धारा 500 के अनुसार आपके ऊपर मुकदमा दर्ज हो सकता है यदि आपने किसी व्यक्ति को झूठ तौर पर बदनाम किया है।

Q. मानहानि जमानती है या नहीं?

Ans. मानहानि एक जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध है और इसका समझौता किया जा सकता है।

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