गीता सातवाँ अध्याय अर्थ सहित Bhagavad Gita Chapter – 7 with Hindi and English Translation

इस पोस्ट में श्रीमद्भगवत गीता सातवाँ अध्याय को हिंदी अर्थ और अंग्रेजी अनुवाद के साथ दिया गया है। इस लिंक पे क्लिक करके पढ़िये गीता छठवाँ अध्याय अर्थ सहित।

गीता सातवाँ अध्याय श्लोक – १

श्रीभगवानुवाच मय्यासक्तमनाः पार्थ योगं युञ्जन्मदाश्रयः ।
असंशयं समग्रं मां यथा ज्ञास्यसि तच्छृणु ॥७-१॥

-: हिंदी भावार्थ :-

श्री भगवान बोले- हे पार्थ! अनन्य प्रेम से मुझमें आसक्त चित तथा अनन्य भाव से मेरे परायण होकर योग में लगे हुए तुम जिस प्रकार से सम्पूर्ण विभूति, बल, ऐश्वर्यादि गुणों से युक्त, सबके आत्मरूप मुझको संशयरहित जानोगे, उसको सुनो॥1॥

-: English Meaning :-

The Lord says – With the mind intent on me, O Partha, practicing Yoga and finding refuge in Me, how in full without doubt thou shall know Me, that do thou hear.


गीता सातवाँ अध्याय श्लोक – २

ज्ञानं तेऽहं सविज्ञानमिदं वक्ष्याम्यशेषतः ।
यज्ज्ञात्वा नेह भूयोऽन्यज् ज्ञातव्यमवशिष्यते ॥७-२॥

-: हिंदी भावार्थ :-

मैं तुम्हारे लिए इस विज्ञान सहित तत्व ज्ञान को सम्पूर्णतया कहूँगा, जिसको जानकर संसार में फिर और कुछ भी जानने योग्य शेष नहीं रह जाता॥2॥

-: English Meaning :-

I shall fully teach thee this knowledge combined with experience, which being known, nothing more besides here remains to be known.


गीता सातवाँ अध्याय श्लोक – ३

मनुष्याणां सहस्रेषु कश्चिद्यतति सिद्धये ।
यततामपि सिद्धानां कश्चिन्मां वेत्ति तत्त्वतः ॥७-३॥

-: हिंदी भावार्थ :-

हजारों मनुष्यों में कोई एक मेरी प्राप्ति के लिए यत्न करता है और उन यत्न करने वाले योगियों में भी कोई एक मेरे परायण होकर मुझको तत्व से अर्थात यथार्थ रूप से जानता है॥3॥

-: English Meaning :-

Among thousands of men, one per chance strives for perfection; even among those who strive and are perfect, only one per chance knows me in truth.


गीता सातवाँ अध्याय श्लोक – ४

भूमिरापोऽनलो वायुः खं मनो बुद्धिरेव च ।
अहंकार इतीयं मे भिन्ना प्रकृतिरष्टधा ॥७-४॥

-: हिंदी भावार्थ :-

पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश, मन, बुद्धि और अहंकार भी- इस प्रकार ये आठ प्रकार से विभाजित मेरी प्रकृति है। यह आठ प्रकार के भेदों वाली तो अपरा अर्थात मेरी जड़ प्रकृति है और हे महाबाहो! इससे दूसरी को, जिससे यह सम्पूर्ण जगत धारण किया जाता है, मेरी जीवरूपा परा अर्थात चेतन प्रकृति जानो॥4-5॥

-: English Meaning :-

Earth, water, fire, air, ether, thought (Manas) and reason (Buddhi), egoism (Ahamkara) – thus is My Prakriti divided eight-fold.


गीता सातवाँ अध्याय श्लोक – ५

अपरेयमितस्त्वन्यां प्रकृतिं विद्धि मे पराम् ।
जीवभूतां महाबाहो ययेदं धार्यते जगत् ॥७-५॥

-: हिंदी भावार्थ :-

-: English Meaning :-

This is the inferior (Prakriti); but distinct from this know thou My superior Prakriti, the very life, O mighty-armed, by which this universe is upheld.


गीता सातवाँ अध्याय श्लोक – ६

एतद्योनीनि भूतानि सर्वाणीत्युपधारय ।
अहं कृत्स्नस्य जगतः प्रभवः प्रलयस्तथा ॥७-६॥

-: हिंदी भावार्थ :-

हे अर्जुन! तुम ऐसा समझो कि सम्पूर्ण भूत इन दोनों प्रकृतियों से ही उत्पन्न होने वाले हैं और मैं सम्पूर्ण जगत का प्रभव तथा प्रलय हूँ अर्थात्‌ सम्पूर्ण जगत का मूल कारण हूँ॥6॥

-: English Meaning :-

Know that all beings have their birth in these. So, I am the source and dissolution of the whole universe.


गीता सातवाँ अध्याय श्लोक – ७

मत्तः परतरं नान्य त्किंचिदस्ति धनंजय ।
मयि सर्वमिदं प्रोतं सूत्रे मणिगणा इव ॥७-७॥

-: हिंदी भावार्थ :-

हे धनंजय! मुझसे भिन्न दूसरा कोई भी परम कारण नहीं है। यह सम्पूर्ण जगत सूत्र में सूत्र के मणियों के सदृश मुझमें गुँथा हुआ है॥7॥

-: English Meaning :-

There is naught else higher than I, O Dhananjaya; in Me all this is woven as clusters of gems on a string.


गीता सातवाँ अध्याय श्लोक – ८

रसोऽहमप्सु कौन्तेय प्रभास्मि शशिसूर्ययोः ।
प्रणवः सर्ववेदेषु शब्दः खे पौरुषं नृषु ॥७-८॥

-: हिंदी भावार्थ :-

हे अर्जुन! मैं जल में रस हूँ, चन्द्रमा और सूर्य में प्रकाश हूँ, सम्पूर्ण वेदों में ओंकार हूँ, आकाश में शब्द और पुरुषों में पुरुषत्व हूँ॥8॥

-: English Meaning :-

I am the rapidity in water, O son of Kunti. I am the light in the moon and the sun. I am the syllable Om in all the Vedas, sound in ether, humanity in men.


गीता सातवाँ अध्याय श्लोक – ९

पुण्यो गन्धः पृथिव्यां च तेजश्चास्मि विभावसौ ।
जीवनं सर्वभूतेषु तपश्चास्मि तपस्विषु ॥७-९॥

-: हिंदी भावार्थ :-

मैं पृथ्वी में पवित्र (शब्द, स्पर्श, रूप, रस, गंध से इस प्रसंग में इनके कारण रूप तन्मात्राओं का ग्रहण है, इस बात को स्पष्ट करने के लिए उनके साथ पवित्र शब्द जोड़ा गया है।) गंध और अग्नि में तेज हूँ तथा सम्पूर्ण भूतों में उनका जीवन हूँ और तपस्वियों में तप हूँ॥9॥

-: English Meaning :-

And I am the agreeable odour in the earth and the brilliance in the fire, the vitality in all beings and I am the austerity in ascetics.


गीता सातवाँ अध्याय श्लोक – १०

बीजं मां सर्वभूतानां विद्धि पार्थ सनातनम् ।
बुद्धिर्बुद्धिमतामस्मि तेजस्तेजस्विनामहम् ॥७-१०॥

-: हिंदी भावार्थ :-

हे अर्जुन! तुम सम्पूर्ण भूतों का सनातन बीज मुझको ही जानो। मैं बुद्धिमानों की बुद्धि और तेजस्वियों का तेज हूँ॥10॥

-: English Meaning :-

Know Me, O Partha, as the eternal seed of all beings; I am the intelligence of the intelligent, the bravery of the brave.


गीता सातवाँ अध्याय श्लोक – ११

बलं बलवतां चाहं कामरागविवर्जितम् ।
धर्माविरुद्धो भूतेषु कामोऽस्मि भरतर्षभ ॥७-११॥

-: हिंदी भावार्थ :-

हे भरतश्रेष्ठ! मैं बलवानों का आसक्ति और कामनाओं से रहित बल अर्थात सामर्थ्य हूँ और सब भूतों में धर्म के अनुकूल अर्थात शास्त्र के अनुकूल काम हूँ॥11॥

-: English Meaning :-

And of the energetic I am the energy devoid of passion and attachment; and in (all) beings I am the desire unopposed to Dharma, O lord of the Bharatas.


गीता सातवाँ अध्याय श्लोक – १२

ये चैव सात्त्विका भावा राजसास्तामसाश्च ये ।
मत्त एवेति तान्विद्धि न त्वहं तेषु ते मयि ॥७-१२॥

-: हिंदी भावार्थ :-

और भी जो सत्त्व गुण से उत्पन्न होने वाले भाव हैं और जो रजो गुण से होने वाले भाव हैं, उन सबको तुम ‘मुझसे ही होने वाले हैं’ ऐसा जानो, परन्तु वास्तव में (गीता अ. 9 श्लोक 4-5 में देखना चाहिए) उनमें मैं और वे मुझमें नहीं हैं॥12॥

-: English Meaning :-

And whatever beings are of Sattva or of Rajas or of Tamas, know them to proceed from Me; still, I am not in them, they are in me.


गीता सातवाँ अध्याय श्लोक – १३

त्रिभिर्गुणमयैर्भावैरेभिः सर्वमिदं जगत् ।
मोहितं नाभिजानाति मामेभ्यः परमव्ययम् ॥७-१३॥

-: हिंदी भावार्थ :-

गुणों के कार्य रूप सात्त्विक, राजस और तामस- इन तीनों प्रकार के भावों से यह सारा संसार- प्राणिसमुदाय मोहित हो रहा है, इसीलिए इन तीनों गुणों से परे मुझ अविनाशी को नहीं जानता॥13॥

-: English Meaning :-

Deluded by these three (sorts of) things composed of gunas, this entire world knows not Me as distinct from them and immutable.


गीता सातवाँ अध्याय श्लोक – १४

दैवी ह्येषा गुणमयी मम माया दुरत्यया ।
मामेव ये प्रपद्यन्ते मायामेतां तरन्ति ते ॥७-१४॥

-: हिंदी भावार्थ :-

क्योंकि यह अलौकिक अर्थात अति अद्भुत त्रिगुणमयी मेरी माया बड़ी दुस्तर है, परन्तु जो पुरुष केवल मुझको ही निरंतर भजते हैं, वे इस माया को उल्लंघन कर जाते हैं अर्थात्‌ संसार से तर जाते हैं॥14॥

-: English Meaning :-

Verily this Divine Illusion of Mine, made up of gunas, is hard to surmount. Whoever seeks Me alone, they cross over this Illusion.


गीता सातवाँ अध्याय श्लोक – १५

न मां दुष्कृतिनो मूढाः प्रपद्यन्ते नराधमाः ।
माययापहृतज्ञाना आसुरं भावमाश्रिताः ॥७-१५॥

-: हिंदी भावार्थ :-

माया द्वारा जिनका ज्ञान हरा जा चुका है, ऐसे आसुर-स्वभाव को धारण किए हुए, मनुष्यों में नीच, दूषित कर्म करने वाले मूढ़ लोग मुझको नहीं भजते॥15॥

-: English Meaning :-

Not Me do the evil-doers seek, the deluded, the vilest of men, deprived of wisdom by Illusion, following the ways of the Demons.


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