नीरज मुसाफिर जानिये कौन है ये घुमक्कड़ी आदमी

नीरज मुसाफिर उर्फ नीरज जाट पेशे से तो दिल्ली मेट्रो में मैकेनिकल इंजीनियर के पद पर तैनात लेकिन वह बेहद घुमक्कड़ी आदमी हैं। नीरज मुसाफिर घूमने का एक भी मौका नहीं छोड़ते साइकिल हो, बस हो, ट्रेन हो या फिर मोटरसाइकिल जब भी मौका मिलता है घूमने चल देतें हैं। सर्वा ऐसे स्थानों में घूमना पसंद करते हैं जहां ज्यादा लोग नहीं जाते हैं और वह ज्यादा चर्चित स्थान नहीं होते हैं।

जैसे की गर्मी में उत्तर भारत की चिलचिलाती गर्मी से बचने के लिए लोग पहाड़ों की ओर भागते हैं। ज्यादातर लोग गिने-चुने स्थानों जैसे मनाली और शिमला ऐसी ही जगह पर जाते हैं। और अक्सर होता यह है कि वो जाते तो घूमने के लिए लेकिन 8-8 घंटे जाम में फंसे रहते हैं। कभी-कभी यह भी होता है कि पुलिस जिनका पहले से होटल बुक नहीं है, उनको शहर में ही नहीं घुसने देती। और उधर नीरज जी घियागी (कुल्लू जिला में एक गांव) बिस्तर में पड़े हुए चाय की चुस्कियों के साथ फेसबुक चलाते हुए खिड़कियों से वादियों का भी मजा ले रहे हैं।

तीर्थन वैली

शायद आपने पहले कभी घियागी गांव का नाम नहीं सुना होगा मैंने भी नहीं सुना था यह कुल्लू जिला में पड़ता है नीरज मुसाफिर इसी बात के लिए जाने जाते हैं। वह ज्यादातर उन्हीं जगहों की यात्रा करते हैं, जिसके बारे में लोग बहुत कम ही लोग जानते हैं और वह भीड़भाड़ से भरी नहीं होती हैं।

नीरज मुसाफिर के बारे में

मेरठ में जन्मे नीरज जाट उर्फ नीरज मुसाफिर बेहद ही घुमंतू टाइप के आदमी है वे 2008 से अपनी यात्राओं के बारे में ब्लॉगर में एक ब्लॉग भी चलाते है। वर्ष 2012 में उनको लखनऊ में आयोजित हुए अंतर्राष्ट्रीय हिंदी ब्लॉगर सम्मेलन में सर्वश्रेष्ठ यात्रा ब्लॉगर सम्मान से सम्मानित किया गया है।

नीरज मुसाफिर भारतीय रेलवे से एक लाख सत्तर हजार किलोमीटर की यात्रा पूरी कर चुके हैं और वे इन सब यात्राओं का हिसाब भी रखते हैं जैसे किस महीने में कितने किलोमीटर की यात्रा की। यात्रा के टिकट को भी संभाल के रखते हैं।

स्पीती लद्दाख

नीरज मुसाफिर की प्रमुख यात्राओं के बारे में

नीरज मुसाफिर डेढ़ सौ सीसी की बाइक से अपनी पत्नी जी के साथ नेपाल में स्थित एवरेस्ट के बेस कैंप यात्रा की है हम लोगों के भ्रम को तोड़ा है कि कम सीसी की बाइक से ज्यादा दूर की यात्राएं नहीं की जा सकती हैं।

नीरज मुसाफिर ने साइकिल से लद्दाख की यात्रा की है।और मोटरसाइकिल से भारत के पूर्वोत्तर और दक्षिण राज्यों की बहुत सी यात्रायें की हैं।

बाइक से उनके के द्वारा एक दिन में 200-300 किलोमीटर की यात्रा करना आम बात है। उनको भारतीय रेलवे के बारे में बहुत ही अच्छी जानकारी है कौन सी ट्रेन कहां से चलती है इस ट्रेन में खाना मिलेगा कि नहीं मिलेगा कौन सी ट्रेन कहां से होकर गुजरेगी यह सब उनको लगभग जुबानी ही रटा हुआ है।

भारतीय रेलवे

नीरज जी ने quora में भी लोगों के दिलचस्प सवालों के कई जवाब दिए हैं। आप यहाँ क्लिक करके उनको फॉलो कर सकते हैं।

नीरज मुसाफिर की किताबों के बारे में

◆ लद्दाख में पैदल यात्राएं :-

लद्दाख में पैदल यात्राएं नीरज जी द्वारा लिखी पहली किताब थी जो की वर्ष 2016 में प्रकाशित हुई थी। इस पुस्तक में नीरज जी ने लद्दाख में अपनी पैदल यात्राओं के बारे में विस्तृत रूप से वर्णन किया है। इस पुस्तक को प्रकाशित करने की कहानी। प्रकाशित करने में क्या दिक्कतें आयीं उन्होंने अपने ब्लॉग में बताया है इसको आप यहां से क्लिक करके पढ़ सकते हैं।

◆ हमसफ़र एवरेस्ट :-

हिंदी युग्म द्वारा प्रकाशित नीरज जी कि यह दूसरी पुस्तक है। हमसफर एवरेस्ट नीरज मुसाफिर द्वारा लिखित एक यात्रा वृतांत है जिसमें एवरेस्ट के बेस कैम्प की यात्रा और गोक्यो झील की यात्रा के विषय में बताया गया है । नीरज जी ने यह यात्रा अपनी पत्नी के साथ बाइक से ही की है। उन्होंने जहां तक संभव हुआ वहां तक बाइक से गए और फिर को छोड़कर लम्बी पदयात्रा भी की।

नीरज मुसाफिर की हमसफर एवरेस्ट दैनिक जागरण के हिंदी बेस्टसेलर में शामिल की गई है। और amazon में भी यह बेस्टसेलर लिस्ट में शामिल होती रहती है।

◆ पैडल पैडल :-

Redgrab Books द्वारा प्रकाशित नीरज मुसाफिर की यह तीसरी पुस्तक है। यह नीरज मुसाफिर द्वारा 2013 में की गई यात्रा का यात्रा वृतांत है। उन्होंने मनाली लेह श्रीनगर और लद्दाख कुल मिलाकर 950 किलोमीटर की यात्रा को साइकिल से पूरा किया है। उन्होंने तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए साइकिल से यात्रा पूरी की और लोगों के भ्रम को तोड़ा है कि केवल विदेशी ही साइकिल से लंबी यात्रा कर सकते हैं। नीरज जी ने या यात्रा तब पूरी की जब उत्तराखंड उत्तराखंड में केदारनाथ में भयानक त्रासदी हुई थी।

◆ मेरा पूर्वोत्तर :-

यह नीरज मुसाफिर की चौथी पुस्तक है जिसका प्रकाशन नीरज मुसाफिर ने खुद किया है। इसमें पूर्वोत्तर में की गई दुर्गम अंजानी जगहों का का वर्णन है वैसे भी नीरज दुर्गम और अप्रचलित जगहों की यात्रा के लिए जाने जाते हैं, जहाँ अक्सर लोग कम ही जातें हैं। इस यात्रा वृत्तांत में नीरज मुसाफिर ने मोटरसाइकिल द्वारा पूर्वी अरुणाचल पूर्वी असम, नामदफा, मेघालय और उत्तर बंगाल की यात्राओं का वर्णन किया है।

◆ सुनो लद्दाख :-

इस किताब को रेडग्रैब बुक्स ने प्रकाशित किया है। सुनो लद्दाख भी एक यात्रा वृत्तान्त है, जो की लद्दाख में पैदल यात्राएं किताब को ही नया रूप देकर प्रकाशित किया गया है। सुनो लद्दाख में नीरज मुसाफिर द्वारा चादर ट्रैक और जांस्कर ट्रैक में की गई पैदल यात्राओं का वर्णन है। नीरज मुसाफिर ने यह यात्रा जनवरी-फरवरी बेहद सार्ड मौसम में किया था। नीरज मुसाफिर जी ने इस किताब में सर्दियों में लद्दाख, जांस्कर और सुदूरवर्ती इलाकों के जीवन यापन को गहराई से बताया है।

◆ घुमक्कड़ी जिंदाबाद :-

यह नीरज मुसाफिर द्वारा प्रकाशित किताब है। जिसमे भारत के कई घुमक्कड़ लोगों के अपनी यात्राओं का यात्रा वृत्तांत है। नीरज मुसाफिर ने घुमक्कड़ी जिंदाबाद नाम से एक पब्लिक फेसबुक ग्रुप बनाया है। जिसमें लोग यात्रा से जुड़े अपने अनुभव शेयर करतें हैं। और नये घुमक्कड़ों को इस ग्रुप से यात्रा और स्थानों के बारे में जानकारी भी मिलती है। घुमक्कड़ी जिंदाबाद किताब में इसी ग्रुप के कई लोगों के अपनी अपनी यात्राओं का लेख है, जिसका प्रशासन नीरज जी ने खुद किया है। नीरज जी की इस पहल से कई लोगों को अपनी किताब प्रकाशित करने का मौका मिला भले ही किताब में पूरा लेख उनका न हो।

ध्यान दें :-

इस पोस्ट में लिखी गयी नीरज मुसाफिर जी की सारी जानकारी :-

★ नीरज जी के ब्लॉग मुसाफिर हूँ यारों जिसमें ये 2008 से अपनी यात्रियों के बारे में लिख रहें है।

★ नीरज जी के फेसबुक पेज और उनके द्वारा Quora मेंं दी गयी जानकारियों से ली गयी हैंं।

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