मूल्यांकन की आवश्यकता और मूल्यांकन की आवश्यकता के कारण

मूल्यांकन की आवश्यकता छात्र, शिक्षक, अभिभावक और समाज, सभी के लिए बहुत जरूरी है। इस पोस्ट पर हम बताएंगे की आखिर मूल्यांकन की आवश्यकता के क्या कारण है?

• यहाँ पर हम आपको छात्रों के लिए मूल्यांकन की आवश्यकता और मूल्यांकन की आवश्यकता के क्या कारण है?
• शिक्षक के लिए मूल्यांकन की आवश्यकता और मूल्यांकन की आवश्यकता के क्या कारण है??
• अभिभावकों के लिए मूल्यांकन की आवश्यकता और मूल्यांकन की आवश्यकता के क्या कारण है??
• समाज के लिए मूल्यांकन की आवश्यकता और मूल्यांकन की आवश्यकता के क्या कारण है?? के बारे में बतायेंगे।

छात्रों के लिए मूल्यांकन की आवश्यकता :-

छात्रों के लिए मूल्यांकन की आवश्यकता के निम्नलिखित कारण हैं–

  • छात्रों को अपनी अच्छाई व कमियों के बारे में पता हो जाता है।
  • छात्रों को यह जानने में मदद मिलती है कि उसके ज्ञान में कितनी प्रगति हो रही है।
  • मूल्यांकन की सहायता से छात्रों के अंदर समय से काम करने के गुण का विकास होता है।
  • मूल्यांक से छात्रों को अपनी प्रगति की जानकारी हो जाती है।
  • मूल्यांकन से छात्रों में स्पर्धा की भावना का उदय होता है।
  • मूल्यांकन के आधार पर छात्रों को पुरस्कृत किया जाता है, जिससे उनमें प्रेणना और प्रतिस्पर्धा की भावना जागृत होती है।
  • छात्र में आत्म-सन्तोष एवं आत्मविश्वास के गुणों का निर्माण होता है।
  • मूल्यांकन के द्वारा प्रत्येक छात्र के विषय में पर्याप्त जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
  • मूल्यांकन छात्र को यह जानने में सहायता प्रदान करता है कि उसे व्यवहार को किस प्रकार विकसित एवं परिवर्तित करना चाहिए।
  • मूल्यांकन से छात्र को प्रगति करने का प्रोत्साहन मिलता है, और उसे अपने एवं अपने कार्य के वास्तविक स्तर के बारे में पता चलता है।

शिक्षकों के लिए मूल्यांकन की आवश्यकता :-

शिक्षक के लिए मूल्यांकन आवश्यकता के बारे में नीचे दिए गए निम्नलिखित कारण या मूल्यांकन से होने वाले लाभों की सूची दी गई है–

  • मूल्यांकन के द्वारा शिक्षक को अपनी शिक्षा की योजना, शिक्षण की विधियाँ, शिक्षण के उपकरणों की सफलता एवं असफलता के बारे में पता चलता है।
  • शिक्षक को शिक्षा के लक्ष्यों की प्राप्ति या अप्राप्ति के बारे में जानने में मदद मिलती है।
  • मूल्यांकन के द्वारा शिक्षक को अपने पढ़ाने के तरीकों के बारे में जानकारी मिलती है, जिससे वह पता कर सकता है, कि उसकी पढ़ाने की विधियां कितनी कारगर साबित हो रही हैं।
  • शिक्षक को छात्रों की उपलब्धियों के बारे में पता चलता है।
  • शिक्षक को छात्रों की सहायता करने का अवसर प्राप्त होता है।

अभिभावक के लिए मूल्यांकन की आवश्यकता :-

अभिभावक के लिए मूल्यांकन की आवश्यकताओं की सूची नीचे दी गयी है–

  • मूल्यांकन में माध्यम से अभिभावकों को अपने बच्चे की वास्तविक स्थिति का ज्ञान होता है।
  • मूल्यांकन द्वारा प्राप्त प्रगति – पत्र से अभिभावक को अपने बच्चों की योग्यता, रूचि, कमजोरी आदि चीजों के बारे में पता चलता है।
  • मूल्यांकन की मदद से अभिभावक अपने बच्चे की कमियाँ को पता करके, उन्हें दूर करने का प्रयास करते हैं।
  • अभिभावक मूल्यांकन द्वारा अपने बच्चे की योग्यता के अनुसार उसके लिए आगे के विषयों चुनने में मदद करते हैं।
  • मूल्यांकन से प्राप्त जानकारी के अनुसार अभिभावकों को अपने बच्चों का भविष्य उज्जवल बनाने में मदद मिलती है।

समाज के लिए मूल्यांकन की आवश्यकता :-

समाज के लिए मूल्यांकन की आवश्यकतो को निम्नलिखित रूप में दिया गया है–

  • समाज को प्रचलित शिक्षा के स्तर का ज्ञान होता है।
  • समाज, शिक्षा के स्तर को उठाने का प्रयास कर सकता हैं।
  • मूल्यांकन से किसी देश या समाज की प्रगति की स्थिति का पता चलता है।
  • मूल्यांकन द्वारा ही शिक्षा के स्वरूप, उद्देश्यों एवं शिक्षा के पाठ्यक्रम में समाज के प्रभाव का पता चलता है।
  • मूल्यांकन द्वारा छात्रों की अभिवृत्तियाँ, रूचियाँ, शारीरिक कुशलताएँ आदि के बारे में यह पता चलता है कि इससे समाज का कितना भला होगा अथवा होगा भी या नहीं।

ऊपर दिये गए मूल्यांकन की आवश्यकताओं को पढ़ कर आप समझ सकते हैं कि छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों और समाज के लिए मूल्यांकन की कितनी महत्वपूर्ण भूमिका है।

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